मुख्यमंत्री या तो सार्वजनिक माफी मांगेंगे या अपने नेता की तरह सजायाफ्ता होकर डिसक्वालीफाई हो जाएंगे : शेखावत

मानहानि केस को लेकर केंद्रीय जलशक्ति मंत्री की खरी-खरी
बीकानेर :- केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लेकर सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि मानहानि केस में अब न्यायालय में जाकर मुख्यमंत्री को अपना पक्ष प्रस्तुत करना पड़ेगा। पक्ष प्रस्तुत करने के बाद में जब ट्रायल होगी और
ट्रायल के बाद दो ही रास्ते बचे हैं या तो सार्वजनिक माफी मांगेंगे या अपने नेता की तरह सजायाफ्ता होकर डिसक्वालीफाई हो जाएंगे।
शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा के बाद मीडिया से बातचीत में मानहानि केस को लेकर केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि मुझे व्यक्तिगत रूप से बदनाम करने का षड्यंत्र, प्रयास और दुष्प्रयास मुख्यमंत्री जी ने अनेक बार, अनेक जगहों पर किया है। मेरी मीडिया ट्रायल करने की कोशिश की गई। मुझे घसीटा तो घसीटा, मेरी दिवंगत मां का नाम लेकर, मेरे बूढ़े पिता का नाम लेकर जिस तरह के लांछन और आरोप उन्होंने लगाए। सरकार के करोड़ों रुपए की फीस देकर हॉयर किए हुए बड़े-बड़े नामी वकीलों को हाईकोर्ट में खड़े होकर यह कहना पड़ा कि न तो किसी एफआईआर में मेरा नाम है, न ही किसी चार्जशीट में मुझे अभियुक्त बनाया गया है।
शेखावत ने कहा कि मैं शायद उनके स्तर पर जाकर राजनीति नहीं करना चाहता, क्योंकि मैं जानता था कि जो अपनी पार्टी के पीसीसी चीफ और डिप्टी चीफ मिनिस्टर को नाकारा-निकम्मा कह सकता है, उसके लिए इस तरह के शब्दों का प्रयोग कर सकता है, मैं जिसने उनके बेटे को हराया, शायद उसके लिए तो वह कुछ भी कहें, लेकिन जब मेरी मां के ऊपर उन्होंने जिस तरह के शब्दों का प्रयोग किया। मैंने दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में मानहानि का केस दायर किया। शेखावत ने बताया कि मानहानि केस में न्यायधीश ने अपनी तरफ से दिल्ली पुलिस को एक दायित्व दिया कि इसकी जांच करें। दिल्ली पुलिस ने इन सब विषयों की जांच की। न तो कहीं चार्जसीट में मेरा नाम है, न कहीं एफआईआर में नाम है, न मेरा इस विषय से कहीं कोई लेना-देना है। दिल्ली पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर न्यायालय ने अशोक गहलोत साहब को दोषी मानते हुए समन जारी किया है।
शेखावत ने कहा कि अब न्यायालय में जाकर उनको अपना पक्ष प्रस्तुत करना पड़ेगा। पक्ष प्रस्तुत करने के बाद में मुझे लगता है कि जब ट्रायल होगी और ट्रायल के बाद दो ही रास्ते बचे हैं या तो सार्वजनिक रूप से माफी मांगेंगे या अपने नेता की तरह सजायाफ्ता होकर डिसक्वालीफाई हो जाएंगे।
फोन टैपिंग के सवाल पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वर्ष 2020 से आज तक राजस्थान के एंटी करप्शन ब्यूरो ने मुझे वॉइस सैंपल देने के लिए चिट्ठी तक नहीं लिखी। उसमें एक भंवरलाल शर्मा जी की आवाज थी, जो दिवंगत हैं, उनके साथ तीन-चार दिन बाद मुख्यमंत्री कॉफी पीते दिखे। दूसरी आवाज में जिनका नाम लिया, वो मंत्री हैं और उनके साथ मुख्यमंत्री कैबिनेट में बैठते हैं। पहले उनका वॉइस सैंपल लेना चाहिए।
राजस्थान की जनता में आक्रोश
प्रधानमंत्री की सभा को लेकर शेखावत ने कहा कि राजस्थान की जनता का आक्रोश मोदी जी की सभा में दिखा। तेज गर्मी और तेज बारिश के बावजूद लाखों लोग जिस ऊर्जा के साथ में जुटे। प्रधानमंत्री जी बातों पर जिस तरह जनता जवाब दे रही थी, उससे साफ है कि गहलोत सरकार के खिलाफ जनता में गुस्सा है। उन्होंने कहा कि इस सरकार ने भ्रष्टाचार के नित नए आयाम खड़े किए गए। सरकार में बैठे मंत्रियों से लेकर विधायकों तक जैसे लूट खसोट हुई, उससे जनता त्रस्त है। शेखावत ने कहा कि राजस्थान में भाजपा सरकार का आना और कांग्रेस सरकार का बुरी तरह जाना, ये दोनों उतना ही सत्य है और अवश्यंभावी है, जितना कल सुबह का सूरज पूरब दिशा से उगेगा।
जेजेएम में निचले पायदान पर राजस्थान
जल जीवन मिशन पर उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने स्वयं कहा कि सबसे ज्यादा संसाधन राजस्थान को मुहैया कराए, लेकिन दुर्भाग्य है कि राजस्थान सरकार की अराजकता और अकर्मण्यता के कारण राज्य प्रगति की दौड़ में देश में निचले पायदान के तीन राज्यों में शामिल है।