भारी हंगामे के बीच नगरपरिषद की बोर्ड बैठक मात्र 13 मिनट में खतम हो गई   

भारी हंगामे के बीच नगरपरिषद की बोर्ड बैठक मात्र 13 मिनट में खतम हो गई   

   कुचामन सिटी:-

शहर स्तिथ नगरपरिषद संभागार में गुरुवार को एक बार पार्षदों के बीच राजनीतिक उठापटक देखी गई बोर्ड बैठक में शहर के विकास की जगह दलगत राजनीति ही नजर आई।13 जुलाई को आयोजित बोर्ड की बैठक कुल 13 मिनट भी नहीं चली।सबसे पहले पूर्व पालिकाध्यक्ष गोरूराम कुमावत की माताजी के निधन पर 2 मिनट का मौन रखा गया।इसके बाद बोर्ड बैठक शुरू की गई।सबसे पहले मार्गो व सर्किल निर्माण के मुद्दो पर चर्चा शुरु की गई।अग्रवाल समाज की और से शहर के स्टेशन रोड़ स्थित द्वार को तोड़कर वहा अग्रसेन समाज की और से नया प्रवेश द्वार बनाने के मुद्दे पर भाजपाइयों ने कहा कि द्वार बनाना चाहिए,लेकिन यह द्वार कही और बनवा सकते हो।इस बात पर सभापति के भाई आरिफ खान कुछ बोलने के लिए आगे आए और तभी भाजपा ने विरोध शुरू कर दिया। विरोध और गाली गलौच के बीच भाजपाई पार्षदों ने काले झंडे दिखाते हुए सदन से बाहर चले गए। नेता प्रतिपक्ष अनिलसिंह के साथ सभी भाजपाई पार्षद मीटिंग हॉल से नारे लगाते हुए बाहर आ गए।

भाजपा पार्षदो के सदन छोड़कर जाने के बाद सभापति ने सभी प्रस्तावो को सर्वसमिति से पारित करने की जानकारी दी।जिसमे परशुराम सर्किल, महाराजा सूरजमल सर्किल, श्रीयादें सर्किल, अग्रसेन सर्किल सहित श्याम सर्किल बनाने के प्रस्ताव पारित हुए। शहर में विकास कार्यों की कडी मै नगर परिषद कार्यालय में प्रस्ताव पारित किए गए। भाजपा के पार्षद सदन से वाकआउट के बाद परिषद भवन मुख्य द्वार पर खड़े थे।वही पर उन्होंने सभापति आसिफ खान और आयुक्त श्रवणराम चौधरी के खिलाफ नारेबाजी की।इसके बाद जब कांग्रेसी पार्षद बाहर आए तो उन्होंने भी भाजपा के खिलाफ नारे लगाए।इस पर सभापति के भाई आरिफ खान ने ही दोनो दलों के पार्षदों को समझाकर नारेबाजी रुकवाई।