चांदसमा से लवां सरहद तक सड़क का हाल बेहाल, रामदेवरा जातरूओं के साथ ग्रामीण हो रहे सालों से परेशान

चांदसमा से लवां सरहद तक सड़क का हाल बेहाल, रामदेवरा जातरूओं के साथ ग्रामीण हो रहे सालों से परेशान

देचू/पूंजराज सिंह बाला। पंचायत समिति देचू के चांदसमा कुम्हारों की ढाणी से लवां सरहद तक जाने वाली करीबन 6 किलोमीटर सड़क नाम मात्र ही सड़क हैं। इस सड़क पर चलने के लिए लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा हैं। ग्रामीणों का कहना हैं कि सालों से इस रास्ते पर जलभराव व खड्डों की समस्या झेल रहे हैं। लेकिन सुनवाई नहीं हो रही हैं। नेता, अधिकारी व जनप्रतिनिधि मात्र आश्वासन, घोषणा व दिलासा देने मात्र आते हैं। रामदेवरा मेला शुरू होने वाला हैं लेकिन जातरूओं का मुख्य रास्ता होने के बावजूद भी प्रशासन कोई ध्यान नहीं दे रहा हैं। वर्तमान में पूरे रास्ते पर जलभराव की स्थिति हैं ऐसे में इस पर चलना भी दूभर हैं। 

सालों से रामदेवरा जातरू कर रहे यात्रा, लेकिन प्रशासन द्वारा कोई सुध नहीं

इस रास्ते के जरिए प्राचीन समय से रामदेवरा जातरू यात्रा करते हैं। रामदेवरा मेले के समय बारिश का समय होने के कारण इस रास्ते करीबन 6 किलोमीटर तक जलभराव की स्थिति ही रहती हैं। लेकिन बावजूद इसके प्रशासन द्वारा कोई मॉनीटरिंग नहीं की गई। तथा पक्की डामर सड़क तो दूर की बात हैं ढंग की ग्रेवल सड़क तक निर्मित नहीं की गई। ग्रामीणों ने कहा कि स्थानीय किसानों व क्षेत्रवासियों को तो परेशानी झेलनी पड़ती हैं। साथ ही रामदेवरा जातरू प्रत्येक वर्ष समस्या का सामना करते हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हैं। 

दो माह पूर्व लोहावट विधायक ने सड़क बनाने की घोषणा की थी

दो महीने पहले चांदसमा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के उद्घाटन पर पहुंचे लोहावट विधायक ने सार्वजनिक मंच से चांदसमा से लवां सड़क को बनाने की घोषणा की थी। जिससे वर्षों बाद ग्रामीणों को सड़क बनने की उम्मीद जगी हैं। लेकिन ग्रामीणों ने बताया कि दो महीने के बाद भी इस दिशा में कोई कार्यवाही दिख नहीं रही हैं। उन्होंने पुनः विधायक से इस सड़क को स्वीकृत करवाकर जल्द बनवाने की मांग की हैं। जानकारी के अनुसार लापरवाही व तथाकथित उदासीनता ऐसी हैं कि सबसे महत्वपूर्ण रास्ता होने के बावजूद 2008 के बाद ग्रेवल सड़क का नवीनीकरण नहीं किया गया हैं। 

आगे कुआँ पीछे खाई की स्थिति दिखी

ग्रामीणों द्वारा रास्ते की स्थिति बताने पर हमने सड़क मार्ग को देखा तो आगे कुआँ पीछे खाई की स्थिति मिली। एक तरफ तो सड़क टूटी हुई थी, दूसरी तरफ पानी का विस्तृत फैलाव था, रही कसर बबूल की झाड़ियों ने निकाल दी। खड्डे, विस्तृत जलभराव व दोनों तरफ बबूल की झाड़ियों का आलम ऐसा था कि हमारी टीम को आधे रास्ते से ही रिपोर्टिंग कर वापस लौटना पड़ा। 

इनका कहना हैं

2008 में बनी थी सड़क, उसके बाद नहीं ली किसी ने सुध

" पूर्व में इस रास्ते पर 2008 में ग्रेवल सड़क बनाई गई थी, उसके बाद कोई नवीनीकरण नहीं किया गया, मैंने पंचायत समिति के संबंधित अधिकारियों से ग्रेवल स्वीकृति की मांग की थी लेकिन अभी तक समस्या यथावत हैं। मैं सरकार व प्रशासन से डामर पक्की सड़क बनाने की मांग करती हूं। "

पुष्पा कंवर, पंचायत समिति सदस्य

वर्षों से जलभराव व खड्डों की झेल रहे हैं परेशानी

" वर्षों से रास्ते पर जलभराव व खड्डों की समस्या हैं, मूलतः खेती का इलाका होने के कारण किसानों को आवागमन में परेशानी होती हैं, सड़क निर्माण के लिए लंबे समय से ग्रामीण मांग कर रहे हैं। लेकिन सालों से कोई सुनवाई नहीं हैं।

"नकताराम मायला, स्थानीय नागरिक

हम तो भुगत रहे ही हैं साथ ही रामदेवरा जातरू भी होते हैं परेशान

" ग्रामीणों के साथ रामदेवरा मेला जातरूओं को लंबे समय से समस्या हो रही हैं, कई बार शासन प्रशासन व सरकार के जिम्मेदारों तक बात ग्रामीणों ने पहुंचाई लेकिन रास्ते को पक्की सड़क तो दूर ढंग की ग्रेवल तक नसीब नहीं हो पाई हैं। "

पवन भादू, स्थानीय नागरिक