2014-15 से छात्राओं की संख्या में 31% की बढ़ोतरी: शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान

शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने राज्यसभा में शिक्षा क्षेत्र में किए गए कार्यों की चर्चा की। उन्होंने बताया कि 2014-15 से स्कूलों में लड़कियों के नामांकन में 31% की वृद्धि हुई है। अनुसूचित जाति (एससी) की लड़कियों के लिए यह आंकड़ा 50% था। अनुसूचित जनजाति (एसटी) के छात्रों के लिए नामांकन वृद्धि दर 44% और ओबीसी छात्रों के लिए 45% थी।

2014-15 से छात्राओं की संख्या में 31% की बढ़ोतरी: शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान
2014-15 से छात्राओं की संख्या में 31% की बढ़ोतरी: शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान

नई दिल्ली : शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने राज्यसभा में शिक्षा क्षेत्र में किए गए कार्यों की चर्चा की। उन्होंने बताया कि 2014-15 से स्कूलों में लड़कियों के नामांकन में 31% की वृद्धि हुई है। अनुसूचित जाति (एससी) की लड़कियों के लिए यह आंकड़ा 50% था। अनुसूचित जनजाति (एसटी) के छात्रों के लिए नामांकन वृद्धि दर 44% और ओबीसी छात्रों के लिए 45% थी। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार द्वारा की गई पहलों के कारण, बच्चों ने अधिक अध्ययन करना शुरू कर दिया है।

मंत्री ने कहा कि सरकार ने भारतीय भाषाओं के शिक्षण को बढ़ावा देने के लिए भी कदम उठाए हैं। सीबीएसई ने एक परिपत्र निकाला है कि स्कूलों में 20 भारतीय भाषाओं को पढ़ाने और सीखने के लिए सामग्री उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने कहा कि भारत की आत्मा उसकी भाषाओं के माध्यम से जीवित है और इसलिए सरकार ने भारतीय भाषाओं के शिक्षण को बढ़ाने के लिए कदम उठाने का फैसला किया है।

मंत्री ने कहा कि सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में कई अन्य पहल भी की हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • सभी बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा प्रदान करना
  • शिक्षकों की गुणवत्ता में सुधार करना
  • स्कूल बुनियादी ढांचे में सुधार करना
  • तकनीक का उपयोग करके शिक्षा को अधिक सुलभ बनाना

मंत्री ने कहा कि सरकार की इन पहलों से भारत में शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। उन्होंने कहा कि सरकार भारत को एक शिक्षित और सशक्त राष्ट्र बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

शिक्षा क्षेत्र में सरकार द्वारा किए गए प्रमुख कार्य

  • सभी बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा प्रदान करना
    • सरकार ने "सभी के लिए शिक्षा" अभियान शुरू किया है। इस अभियान का उद्देश्य सभी बच्चों, विशेष रूप से लड़कियों और ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा प्रदान करना है।
    • सरकार ने "पढ़ाई से लेकर रोज़गार तक" कार्यक्रम शुरू किया है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य बच्चों को स्कूली शिक्षा के बाद भी रोजगार के लिए तैयार करना है।
  • शिक्षकों की गुणवत्ता में सुधार करना
    • सरकार ने "शिक्षक शिक्षा पुनर्निर्माण योजना" शुरू की है। इस योजना का उद्देश्य शिक्षकों की गुणवत्ता में सुधार करना है।
    • सरकार ने "राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद" (एनसीटीई) की स्थापना की है। एनसीटीई का उद्देश्य शिक्षक शिक्षा के मानकों को निर्धारित करना और शिक्षक शिक्षा कार्यक्रमों को मान्यता देना है।
  • स्कूल बुनियादी ढांचे में सुधार करना
    • सरकार ने "सभी के लिए बेहतर स्कूल" कार्यक्रम शुरू किया है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य स्कूलों के बुनियादी ढांचे में सुधार करना है।
    • सरकार ने "स्कूलों के लिए डिजिटल उपकरण" कार्यक्रम शुरू किया है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य स्कूलों को कंप्यूटर, इंटरनेट और अन्य डिजिटल उपकरण प्रदान करना है।
  • तकनीक का उपयोग करके शिक्षा को अधिक सुलभ बनाना
    • सरकार ने "डिजिटल इंडिया" कार्यक्रम शुरू किया है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य तकनीक का उपयोग करके शिक्षा को अधिक सुलभ बनाना है।
    • सरकार ने "ई-पाठशाला" वेबसाइट और ऐप शुरू किया है। यह वेबसाइट और ऐप छात्रों को ऑनलाइन शिक्षा प्रदान करता है।

इन पहलों से भारत में शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। 2014-15 से स्कूलों में लड़कियों के नामांकन में 31% की वृद्धि हुई है। अनुसूचित जाति (एससी) की लड़कियों के लिए यह आंकड़ा 50% था। अनुसूचित जनजाति (एसटी) के छात्रों के लिए नामांकन वृद्धि दर 44% और ओबीसी छात्रों के लिए 45% थी।