संस्कारवान युवा ही समाज और राष्ट्र का भविष्य है। पूज्य श्री तनसिंह जी के विचारों को समझने की आवश्कता है : विश्वजीत चंपावत

ई दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में क्षत्रिय युवक संघ के प्रणेता पूज्य श्री तनसिंह जी की 100 वीं जयंती पर जन्म शताब्दी समारोह मनाया गया। देश की राजधानी दिल्ली में इतने अनुशासित और सुनियोजित तरीके से हुए आयोजन ने तनसिंह जी के विचारों के फलीभूत होने और उनकी छांव में समाज के बड़े तबके को होना दिखाया है।

Jan 29, 2024 - 23:08
Jan 30, 2024 - 23:36
संस्कारवान युवा ही समाज और राष्ट्र का भविष्य है। पूज्य श्री तनसिंह जी के विचारों को समझने की आवश्कता है : विश्वजीत चंपावत
संस्कारवान युवा ही समाज और राष्ट्र का भविष्य है। पूज्य श्री तनसिंह जी के विचारों को समझने की आवश्कता है : विश्वजीत चंपावत

नई दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में क्षत्रिय युवक संघ के प्रणेता पूज्य श्री तनसिंह जी की 100 वीं जयंती पर जन्म शताब्दी समारोह मनाया गया। देश की राजधानी दिल्ली में इतने अनुशासित और सुनियोजित तरीके से हुए आयोजन ने तनसिंह जी के विचारों के फलीभूत होने और उनकी छांव में समाज के बड़े तबके को होना दिखाया है।

जहां वर्तमान समय में सामाजिक संगठनों में शक्ति प्रदर्शन करके सरकारों से मोलभाव करने की होड़ मची हो, ऐसे दौर में संस्कार, मानव कल्याण और राष्ट्र निर्माण में अपने योगदान देने के कर्तव्य से परिचित करवाने वाले क्षत्रिय युवक संघ की सोच और दूरदर्शिता की वर्तमान दौर में कल्पना कर पाना हर किसी की सोच से परे है। इसे कुछ यूं भी देखा जा सकता है कि कई दशकों पहले तनसिंह जी और आयुष्मान सिंह जी हुडिल द्वारा किया गया लेखन कार्य उस समय से कहीं ज्यादा वर्तमान दौर में प्रासंगिक है। ये उनके विचारों की ताकत और दूरदर्शिता को बताता है।

जो रास्ता स्व.तनसिंह जी ने दिखाया, क्षत्रिय युवक संघ उस मूलमंत्र पर चलते हुए समाज के युवाओं को पथभ्रष्ट होने बचा रहा है साथ ही उचित मार्गदर्शन देकर उनका भविष्य संवारने पर काम रहा है। राजनीतिक हितों की पूर्ति के लिए बहुत संगठन है, संगठन बनते है, बिगड़ते है जबकि क्षत्रिय युवक संघ की भूमिका एक मार्गदर्शक के तौर पर आगे और अधिक प्रासंगिक होती रहेगी।

वर्तमान में जहां भौतिकवाद का चलन बढ़ रहा है। सोशल मीडिया के जमाने में कुछ ही पलों में हीरो व विलेन बनाए जा रहे हो। ऐसे दौर में अच्छे संस्कार और व्यक्ति का सुचरित्र ही दुर्गति से बचा सकता है। संघ एक साधना है इसको आलोचनात्मक दृष्टिकोण से देखने के बजाए विचारों को समझने और आत्मसात करने की आवश्कता है। संस्कारवान युवा ही समाज और राष्ट्र का भविष्य है, इसी नींव पर क्षत्रिय समाज गर्व से मस्तक ऊंचा कर रहा है।

Minaxi Rathore Minaxi Rathore मीडिया क्षेत्र में 2 साल से अधिक समय से कार्यरत हैं। वर्तमान में मीडिया मथन के डिजिटल सेक्शन में एडिटर की जिम्मेदारी संभाल रही हैं, जहां पॉलिटिक्स, नेशनल से जुड़ी तमाम खबरों पर नजर रखती हैं। इनसे minaxi@mediamanthan.com पर संपर्क किया जा सकता है।