About Us

मीडिया मंथन सिर्फ एक नाम नहीं यह बदलते भारत की एक सोच है, 20 वी सदी के अंत तथा 21वीं सदी के प्रारंभ में संपूर्ण मीडिया ( प्रिंट तथा इलेक्ट्रॉनिक) का एक विश्लेषण "मीडिया मंथन" है।

21वीं सदी में भारत का मीडिया उद्योग शहरी चिंताओं पर ध्यान केंद्रित करता है गांव में किसानों की खबरों को प्रमुखता से अपनी आवाज देने का प्रयास नहीं करता है गांव की सोच को विस्तृत करने के लिए किसान के बेटे पत्रकार सुधीर विश्नोई ने एक नई सोच को पंख दिया है जिसका नाम है "मीडिया मंथन"।

मुख्य रूप से देखा जाए तो आज भारत में मीडिया सिर्फ सत्ता के साथ चलना और शहरी क्षेत्र में क्या कुछ घटनाएं घटित होती है उनके ऊपर पूरी तरीके से निर्भर हो चुका है भारत में किसानों की क्या स्थिति है ? किस प्रकार से बेरोजगारी का आलम बढ़ रहा है ? इस पर किसी का कोई ध्यान नहीं है। मीडिया मंथन भारत का सबसे बड़ा ग्रामीण मीडिया मंच है जहां एक तरफ की सड़क जो ज्ञान प्रधान ग्रामीण समुदाय तक सूचना ले जाती हैं और दुसरी तरफ की मीडिया अंधेरी क्षेत्रों से लेकर शहरी भारत की समस्या का रोल मॉडल तक सभी चीजों की जानकारी देता है । हमारा मुख्य मकसद यह है कि ग्रामीण भारत के अन्नदाता जो पूरी तरीके से खेत - खलिहान क्षेत्रों पर निर्भर है उनकी समस्या को राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक मंच देना है। हम ग्रामीण नागरिकों के लिए अनुकूलित सामग्री बनाते हैं । "मीडिया मंथन" ग्रामीण नागरिकों तक सीधे पहुंचने के लिए वर्तमान के सोशल मीडिया से जनसंपर्क के साथ-साथ, खेती किसानी करने वाले लोगों से संपर्क में रहते हैं तथा उनकी खबरों को प्रमुखता से दिखाने का काम करते हैं। हमारे मुख्य रूप से कहीं वर्टिकल है जिनमें डिजिटल ,वीडियो सामग्री, ऑडियो सामग्री , तथा सोशल मीडिया पर छोटे-छोटे वीडियो बनाकर के ग्रामीण क्षेत्रों में जो लोग निवास करते हैं उनको जागरूक करने का काम किया जाता है। हमारे पास एक ऐसी टीम है जो ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करने वाले सभी जाति ,धर्म और मजहब से तालुकात रखने वाले लोगों की खबर रखते हैं तथा वह खबर हमारे तक पहुंचाने का काम करते हैं। हमारी टीम नगर ,ग्राम ,ब्लाक ,तहसील तथा शहर तक से लेकर संसद तक की खबरें को प्रमुखता से दिखाने का काम करती है। बढ़ते आधुनिक तकनीकी के साथ-साथ सूचना प्रौद्योगिकी का विशेष ख्याल रखते हुए इंटरनेट के जरिए हम लोग सीधे तौर पर भारत के ग्रामीण आंचल में निवास करने वाले लोगों को जागरूक कर के स्मार्टफोन के जरिए उन तक खबरें पहुंचाने का काम करते हैं यही हमारा मुख्य एजेंडा है। इंटरनेट टेक्नोलॉजी के कारण वर्तमान समय में भारत के ग्रामीण से लेकर शहरी क्षेत्र तक गांव ,गरीब ,वंचित ,पीड़ित, शोषित ,दलित ,मजदूर ,किसान , बेरोजगारों की आवाज के साथ हम हिंदुस्तान का सबसे उभरता हुआ ग्रामीण तथा शहरी मीडिया प्लेटफॉर्म है।

Media Manthan प्लेटफार्म का मुख्य उद्देश्य :-

फाउंडर सुधीर विश्नोई हमेशा सोचते हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों में किस प्रकार से पत्रकारिता का विस्तार हो तथा सामान्य रूप से ग्रामीण भारत में निवास करने वाले लोग किस प्रकार से जागरूक पत्रकार बन सके। इसी दिशा में काम करते हुए उन्होंने डिजिटल युग में सामुदायिक पत्रकारों के कैडर का विस्तार किया है जो इसके "स्वयंवर प्रोजेक्ट"का हिस्सा है। हमारी टीम बहुरंगी है वीडियो, ऑडियो कंटेंट ,कम्युनिटी के साथ संवाद के वीडियो तैयार करती है तथा दूर - दराज के भौगोलिक क्षेत्रों में हम जमीनी सक्रियता बढ़ा रहे हैं । हमारी टिम एक पिरामिड का हिस्सा होते हैं जिसमें ग्राम, ब्लॉक और जिला स्तर पर टीम लीडर होते हैं। इसी प्रकार से हमने एक शुरुआत की है मीडिया में परिवर्तन की । जिस प्रकार से मीडिया के लिए इस सोशल मीडिया के बदलते दौर में जो नए शब्द गढे गए हैं उन शब्दों को हम पूरी तरीके से बदलकर सच तथा किसानों का दुख दर्द बांटने वाला एक ऐसा प्लेटफार्म खड़ा करना चाहते हैं जो हर लोगों की आवाज बने।

मीडिया मंथन के फाउंडर तथा सीईओ सुधीर विश्नोई खुद किसान बिरादरी से तालुकात रखते हैं उनका मानना है कि उन्होंने जिस प्रकार से एक ग्रामीण परिवेश में विषम परिस्थितियों में जो पढ़ाई करके पत्रकारिता में अपना एक मुकाम हासिल किया है उन्हीं बातों को ध्यान में रखकर अब उन्हें पत्रकारिता की परिभाषा को बदलने की जरूरत हैं। राजस्थान का वह सुदूर इलाका, जहां पर जीवन यापन करना भी बहुत कठिन होता है ऐसे जोधपुर जिले के तपते हुए धोरों में से किसान का बेटा सुधीर विश्नोई पत्रकार बनकर निकला तो उन्होंने ठान लिया है कि अब देश के खेत - खलिहान से लेकर के संसद तक की खबरें का विस्तृत रूप से देखने के लिए "मीडिया मंथन" नामक प्लेटफार्म की शुरुआत करेगे जिसके बदौलत आज संपूर्ण भारत की खबरें एक ही प्लेटफार्म पर समाहित होती है। फाउंडर सुधीर विश्नोई ने अपनी मेहनत करके पत्रकारिता के क्षेत्र में पिछले 5 साल से जो काम किया है उनके आधार पर उन्हें लगा कि अगर वे ग्रामीण भारत की तस्वीर को नहीं बदल सकते है तो उनकी पत्रकारिता की पढाई व्यर्थ है । इसी उद्देश्य से उन्होंने इस डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म की शुरुआत की, जो आज भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों के सपनों को नया पंख देने का काम कर रही है।