आतंकी पन्नू की हत्या की साजिश...भारत बनाएगा जांच कमेटी!

विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा- भारत सरकार ने इस मामले के सभी पहलुओं की जांच के लिए 18 नवंबर 2023 को एक उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन किया. जांच समिति के निष्कर्षों के आधार पर भारत सरकार कार्रवाई करेगी। दरअसल, अमेरिकी सरकार ने भारत पर पन्नू की हत्या की साजिश में शामिल होने का आरोप लगाया था. अमेरिका ने कहा कि उसने खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश को नाकाम कर दिया है. फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है.

आतंकी पन्नू की हत्या की साजिश...भारत बनाएगा जांच कमेटी!
आतंकी पन्नू की हत्या की साजिश...भारत बनाएगा जांच कमेटी!

विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा- भारत सरकार ने इस मामले के सभी पहलुओं की जांच के लिए 18 नवंबर 2023 को एक उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन किया. जांच समिति के निष्कर्षों के आधार पर भारत सरकार कार्रवाई करेगी।

दरअसल, अमेरिकी सरकार ने भारत पर पन्नू की हत्या की साजिश में शामिल होने का आरोप लगाया था. अमेरिका ने कहा कि उसने खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश को नाकाम कर दिया है. फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है.

24 नवंबर को विदेश मंत्रालय ने कहा था- अमेरिका के आरोप गंभीर हैं। भारत ऐसे इनपुट को बहुत गंभीरता से लेता है, क्योंकि वे हमारे सुरक्षा हितों को भी खतरे में डाल सकते हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था- हम इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं. हम संगठित अपराधियों, आतंकवादियों और अन्य के बीच संबंधों की जांच कर रहे हैं।

जांच में अमेरिका का सहयोग कर रहा है भारत
कनाडा में भारतीय उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा ने 26 नवंबर को कनाडाई मीडिया सीटीवी को दिए इंटरव्यू में कहा था- भारत सरकार पन्नू की हत्या की साजिश की जांच में अमेरिकी सरकार का सहयोग कर रही है. संजय कुमार वर्मा के इस बयान के बाद आज यानी 29 नवंबर को विदेश मंत्रालय ने एक उच्च स्तरीय समिति के गठन की जानकारी दी.

फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट की दो बड़ी बातें

  • मामले से जुड़े अधिकारियों ने फाइनेंशियल टाइम्स को बताया कि अमेरिकी अधिकारियों ने अमेरिकी धरती पर एक सिख अलगाववादी की हत्या की साजिश को नाकाम कर दिया है. कथित तौर पर यह साजिश भारत की ओर से रची जा रही थी और इसके जरिए पन्नू को निशाना बनाया जाना था.
  • रिपोर्ट के मुताबिक, जून में वैंकूवर में मारे गए सिख अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद अमेरिका ने अपने कुछ सहयोगियों को पन्नू की हत्या की साजिश के बारे में जानकारी दी थी. फाइनेंशियल टाइम्स के मुताबिक, जून में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वाशिंगटन दौरे के बाद अमेरिका ने इसका विरोध किया था.

न्यूयॉर्क में सीलबंद केस दायर
इस मामले में एक कथित आरोपी के खिलाफ न्यूयॉर्क डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में सीलबंद केस दाखिल किया गया है, लेकिन आरोपी कौन है और क्या आरोप हैं, ये लिफाफा खुलने पर पता चलेगा.
फाइनेंशियल टाइम्स के मुताबिक, अमेरिका ने भारत को कूटनीतिक चेतावनी दी थी. इसके अलावा इस मामले में एक कथित आरोपी के खिलाफ न्यूयॉर्क डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में एक सीलबंद मामला दायर किया गया है.

अमेरिकी न्याय विभाग फिलहाल इस बात पर बहस कर रहा है कि क्या इस सीलबंद मामले को अभी खोला जाना चाहिए और आरोपों को सार्वजनिक किया जाना चाहिए या आतंकवादी निज्जर की हत्या की जांच पूरी होने के बाद सार्वजनिक किया जाना चाहिए।

दरअसल, इसी साल जून में कनाडा में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या कर दी गई थी. कनाडा ने उनकी हत्या का आरोप भारत पर लगाया है. भारत ने इस आरोप को खारिज कर दिया है.

पन्नू ने कहा- यह अमेरिकी संप्रभुता के लिए चुनौती है
पन्नू ने कहा- मैं चाहूंगा कि अमेरिकी धरती पर मुझे मारने की साजिश के लिए अमेरिकी सरकार जवाब दे। अमेरिकी धरती पर एक अमेरिकी नागरिक को खतरा अमेरिका की संप्रभुता के लिए एक चुनौती है और मुझे विश्वास है कि बिडेन प्रशासन ऐसी किसी भी चुनौती से निपट सकता है। पन्नू के पास अमेरिका और कनाडा की नागरिकता है.

भारत पर अमेरिका और कनाडा दोनों ने आरोप लगाए हैं. हालाँकि, एक बड़ा अंतर यह है कि अमेरिका ने अभी तक आरोपों को सार्वजनिक नहीं किया है। साथ ही उन्होंने सार्वजनिक होने से पहले इस मामले को भारत सरकार के समक्ष भी उठाया है। हालांकि, रॉयटर्स के मुताबिक व्हाइट हाउस ने कहा है कि वह आने वाले समय में इस मामले में और जानकारी साझा करेगा.

2020 में पन्नू को आतंकवादी घोषित किया गया
2019 में भारत सरकार ने आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के आरोप में पन्नू के संगठन एसएफजे को गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम यानी यूएपीए के तहत प्रतिबंधित कर दिया। गृह मंत्रालय ने अपने नोटिफिकेशन में कहा था कि सिखों के लिए जनमत संग्रह की आड़ में एसएफजे पंजाब में अलगाववाद और चरमपंथी विचारधारा का समर्थन कर रहा है.

साल 2020 में पन्नू पर अलगाववाद को बढ़ावा देने और पंजाबी सिख युवाओं को हथियार उठाने के लिए प्रोत्साहित करने का आरोप लगा था. इसके बाद 1 जुलाई 2020 को केंद्र सरकार ने पन्नू को यूएपीए के तहत आतंकवादी घोषित कर दिया. 2020 में, सरकार ने SFJ से संबंधित 40 से अधिक वेब पेजों और YouTube चैनलों पर प्रतिबंध लगा दिया।