उत्तरकाशी सुरंग बचाव: ड्रिलिंग में हुई चूक से बढ़ी चुनौती

उत्तरकाशी में 24 अक्टूबर को मलबे में दबे 41 श्रमिकों को सकुशल बाहर निकालने के लिए जारी बचाव अभियान में एक बड़ी चूक सामने आई है। ड्रिलिंग से पहले मलबे में सरिया व अन्य धातु की पहचान करने के लिए ग्राउंड पेनेट्रेशन रडार तकनीक का उपयोग नहीं किया गया था। इस चूक के कारण अभियान में देरी हो रही है और श्रमिकों की जान को खतरा बढ़ रहा है।

उत्तरकाशी सुरंग बचाव: ड्रिलिंग में हुई चूक से बढ़ी चुनौती
उत्तरकाशी सुरंग बचाव: ड्रिलिंग में हुई चूक से बढ़ी चुनौती

उत्तरकाशी : उत्तरकाशी में 24 अक्टूबर को मलबे में दबे 41 श्रमिकों को सकुशल बाहर निकालने के लिए जारी बचाव अभियान में एक बड़ी चूक सामने आई है। ड्रिलिंग से पहले मलबे में सरिया व अन्य धातु की पहचान करने के लिए ग्राउंड पेनेट्रेशन रडार तकनीक का उपयोग नहीं किया गया था। इस चूक के कारण अभियान में देरी हो रही है और श्रमिकों की जान को खतरा बढ़ रहा है।

जानकारों का कहना है कि अगर ड्रिलिंग से पहले रडार तकनीक का उपयोग किया जाता, तो मलबे में मौजूद सरिया व अन्य धातुओं को आसानी से पहचाना जा सकता था। इससे ड्रिलिंग मशीन को सही दिशा में चलाया जा सकता था और श्रमिकों तक पहुंचने में कम समय लगता।

प्रधानमंत्री के पूर्व सलाहकार और राज्य सरकार के विशेष कार्याधिकारी भास्कर खुल्बे ने भी इस चूक को स्वीकार किया है। उन्होंने कहा कि अगर रडार तकनीक का उपयोग किया जाता, तो परिणाम और बेहतर रहता।

ड्रिलिंग में हुई देरी से बढ़ी चुनौती

उत्तरकाशी में मलबे में दबे श्रमिकों को बचाने के लिए 25 अक्टूबर से बचाव अभियान शुरू किया गया था। शुरुआत में एक औगर मशीन से ड्रिलिंग शुरू की गई थी, लेकिन मलबे में सरिया व अन्य धातुओं की मौजूदगी के कारण इसमें देरी हो रही थी।

इसलिए, 27 अक्टूबर को दो और औगर मशीन को ड्रिलिंग के लिए उतारा गया। लेकिन, इन मशीनों से भी ड्रिलिंग में देरी हो रही है।

अब तक ड्रिलिंग के माध्यम से सुरंग के अंदर 20 मीटर की दूरी तय की गई है। माना जा रहा है कि अगर ड्रिलिंग में और देरी हुई, तो श्रमिकों की जान को खतरा बढ़ सकता है।

राहत सामग्री पहुंचाने के लिए बनाया गया बोर

सुरंग के अंदर फंसे श्रमिकों को राहत सामग्री पहुंचाने के लिए बचावकर्मियों ने एक बोर बनाया है। बोर के माध्यम से श्रमिकों को भोजन, पानी और दवाइयां पहुंचाई जा रही हैं।

बोर के माध्यम से श्रमिकों से बातचीत भी की जा रही है। श्रमिकों ने बताया कि वे सभी सुरक्षित हैं और उन्हें कोई चोट नहीं आई है।

बचावकर्मी लगातार प्रयास कर रहे हैं कि जल्द से जल्द श्रमिकों को सुरंग से बाहर निकाला जा सके।