2024 के लोकसभा चुनाव से पहले ‘आप’ के सामने बड़ी मुश्किलें
2024 के लोकसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी के सामने मुश्किलें खड़ी हो गई हैं. ‘एक तरफ कुआं तो दूसरी तरफ खाई’ वाली स्थिति है. पार्टी के दो वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया और संजय सिंह पहले से ही ईडी की हिरासत में हैं. अब प्रवर्तन निदेशालय ने ‘आप’ के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी तलब कर लिया है.
नई दिल्ली : 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी के सामने मुश्किलें खड़ी हो गई हैं. ‘एक तरफ कुआं तो दूसरी तरफ खाई’ वाली स्थिति है. पार्टी के दो वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया और संजय सिंह पहले से ही ईडी की हिरासत में हैं. अब प्रवर्तन निदेशालय ने ‘आप’ के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी तलब कर लिया है.
केजरीवाल को ईडी ने क्यों तलब किया?
दिल्ली सीएम केजरीवाल को पीएमएलए के तहत समन जारी किया गया है और 2 नवंबर को ईडी ऑफिस में पूछताछ के लिए बुलाया गया है. ईडी ने अपनी चार्जशीट में कई बार केजरीवाल के नाम का जिक्र किया है. कहा है कि दिल्ली की विवादित आबकारी नीति-2021-22 को तैयार करने और लागू करने के संबंध में आरोपी आम आदमी पार्टी (आप) के तमाम नेता, केजरीवाल के संपर्क में थे.
क्या केजरीवाल को जेल जाना पड़ सकता है?
यह अभी कहना मुश्किल है कि केजरीवाल को जेल जाना पड़ेगा या नहीं. ईडी की पूछताछ में अगर केजरीवाल पर कोई आरोप साबित होता है, तो उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है. हालांकि, केजरीवाल ने ईडी के समन को राजनीति से प्रेरित बताया है और कहा है कि वह किसी भी जांच का सामना करने के लिए तैयार हैं.
क्या आम आदमी पार्टी को 2024 चुनाव में नुकसान होगा?
आम आदमी पार्टी के लिए यह मुश्किल समय है. पार्टी के दो वरिष्ठ नेता जेल में हैं और अब सीएम केजरीवाल को भी ईडी ने तलब किया है. इससे पार्टी की छवि को नुकसान पहुंच सकता है और 2024 के लोकसभा चुनाव में उसे नुकसान हो सकता है.
केजरीवाल को क्या डर सता रहा है?
आम आदमी पार्टी के नेता और समर्थक मानते हैं कि अरविंद केजरीवाल को ईडी की कार्रवाई से डर लग रहा है. वे कहते हैं कि केजरीवाल को लगता है कि उन्हें जेल जाना पड़ सकता है और इससे उनकी पार्टी को नुकसान होगा.
आम आदमी पार्टी के सामने क्या चुनौतियां हैं?
आम आदमी पार्टी के सामने दो बड़ी चुनौतियां हैं. पहली चुनौती यह है कि पार्टी को अपने दो वरिष्ठ नेताओं को बचाना है. दूसरी चुनौती यह है कि पार्टी को 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए तैयारी करनी है. यह चुनौती बड़ी है, क्योंकि पार्टी के दो वरिष्ठ नेता जेल में हैं और सीएम केजरीवाल भी ईडी की जांच के घेरे में हैं.
क्या आम आदमी पार्टी इस चुनौती को पार कर पाएगी?
यह अभी कहना मुश्किल है कि आम आदमी पार्टी इस चुनौती को पार कर पाएगी या नहीं. हालांकि, पार्टी ने पहले भी कई मुश्किलों को पार किया है. ऐसे में उम्मीद है कि पार्टी इस चुनौती को भी पार कर पाएगी.