राजस्थान में चुनाव प्रचार के अंतिम चरण में मोदी और वसुंधरा एक मंच पर आए , सियासी गलियारों में अटकलें शुरू

राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे मंगलवार को एक मंच पर नजर आए. इसके बाद सियासी गलियारों में अटकलें शुरू हो गई हैं कि राजे और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के शीर्ष नेतृत्व के बीच सब ठीक-ठाक है. राजनीतिक जानकार मान रहे हैं कि मतदान से ठीक पहले इस चुनावी सभा के जरिए भाजपा की ओर से मतदाताओं को संदेश देने की कोशिश की गई है। राज्य में विधानसभा चुनाव के तहत मतदान 25 नवंबर को होना है। प्रचार का शोर दो दिन बाद थम जाएगा।

राजस्थान में चुनाव प्रचार के अंतिम चरण में मोदी और वसुंधरा एक मंच पर आए , सियासी गलियारों में अटकलें शुरू
राजस्थान में चुनाव प्रचार के अंतिम चरण में मोदी और वसुंधरा एक मंच पर आए , सियासी गलियारों में अटकलें शुरू

जयपुर : राजस्थान में विधानसभा चुनाव के प्रचार अभियान के अंतिम दौर से ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे मंगलवार को एक मंच पर नजर आए। इसके बाद सियासी गलियारों में अटकलों का दौर शुरू हो गया कि राजे और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के शीर्ष नेतृत्व के बीच 'सब ठीक-ठाक' है।

राजनीतिक जानकार मान रहे हैं कि मतदान से ठीक पहले इस चुनावी सभा के जरिए भाजपा की ओर से मतदाताओं को 'संदेश' देने की कोशिश की गई है। राज्य में विधानसभा चुनाव के तहत मतदान 25 नवंबर को होना है। प्रचार का शोर दो दिन बाद थम जाएगा।

मतदान से कुछ ही दिन पहले मोदी व राजे के एक साथ एक मंच पर आने और इसकी तस्वीर सोशल मीडिया पर जमकर साझा किए जाने के इसलिए भी निहितार्थ निकाले जा रहे हैं क्योंकि भाजपा ने इस चुनाव में किसी को भी मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित नहीं किया है।

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खुद प्रधानमंत्री मोदी राज्य में अपने शुरुआती चुनावी भाषणों में कहा चुके हैं कि इस चुनाव में भाजपा का चेहरा 'कमल का फूल' है। मोदी ने अक्तूबर माह में चितौड़गढ़ जिले में हुई एक रैली में यह बात कही थी और उसमें राजे भी मौजूद थीं, ज्ञातव्य है कि कमल भाजपा का चुनाव चिह्न है।

राजे के समर्थक जबकि उन्हें इस दौड़ में सबसे आगे मानते हैं वहीं सत्तारूढ़ कांग्रेस चुनाव में मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित ना करने को लेकर भाजपा पर निशाना साधती रही है तथा इसे राज्य में भाजपा की अंदरूनी खींचतान बताती रही है। हालांकि इस बारे में कुछ भी सार्वजनिक टिप्पणी करने से राजे बचती रही हैं।

कांग्रेस की नेता प्रियंका गांधी ने हाल में अपनी सभाओं में भाजपा को 'पूरी तरह बिखरी हुई पार्टी' बताते हुए दावा किया था कि इसमें सारे बड़े नेताओं को किनारे कर दिया गया है। जानकारों के अनुसार मोदी और राजे ने शायद इसी को लेकर संदेश देने की कोशिश की है। हालांकि पार्टी के एक प्रवक्ता ने इस बारे में टिप्पणी से इनकार किया।

राजे ने मंच से न केवल मोदी की मुक्त कंठ से प्रशंसा की बल्कि यहां तक कहा कि देश की जनता 2024 में सत्ता की हैट्रिक लगाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी का बेसब्री से इंतजार कर रही है। अगले साल लोकसभा के चुनाव होने हैं।

दरअसल मोदी ने मंगलवार को राजस्थान में अपने धुआंधार चुनावी दौरे की शुरुआत अंता (बारां) में चुनावी सभा से की। हाडोती इलाके में इस सभा के दौरान मंच पर राज्य के बड़े नेताओं में केवल राजे थीं। इसके अलावा उनके बेटे व सांसद दुष्यंत सिंह और पार्टी के स्थानीय प्रत्याशी थे।

राजनीति के जानकारों के अनुसार हाल ही के समय में इस तरह का पहला मौका था। और मंच पर मोदी का जब फूलों की बड़ी माला से स्वागत किया तो फ्रेम में दो बड़े चेहरे मोदी व राजे के ही थे। मंच पर मोदी के एक ओर राजे व दूसरी ओर दुष्यंत बैठे थे। कार्यक्रम के दौरान मोदी इन दोनों से संवाद करते भी नजर आए।

अपने संबोधन में राजे ने कहा कि मोदी का लोहा पूरा देश मानता है और आज पूरा विश्व उनका नेतृत्व स्वीकारता है। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा, 'देश की जनता 2024 में हैट्रिक के लिए मोदी जी का बेसब्री से इंतजार कर रही है।'

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की योजनाओं के माध्यम से लोगों को संबल मिला है। यही नहीं उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर जमकर हमला भी बोला और कहा कि कांग्रेस नेतृत्व वाली सरकार की योजनाएं सिर्फ अखबारों में हैं।

वहीं अपने संबोधन में मोदी ने सभा में उमड़ी भीड़ के बारे में दुष्यंत सिंह से हुई चर्चा का जिक्र किया और कहा कि यह जनसमूह दिखाता है कि 'हाडोती के मन में राजस्थान में परिवर्तन की भावना कितनी प्रचंड है।'